गिरिडीह में रेलवे चोरी का बड़ा हंगामा: 16 पटरियां और बाइक बरामद, कबाड़ी गुड्डू खान का खेल पकड़ में आया!

गिरिडीह में रेलवे संपत्ति की चोरी ने स्थानीय लोगों को हिला कर रख दिया है। रविवार, 24 अगस्त 2025 को यहां एक बड़ा मामला सामने आया। आरपीएफ और मुफस्सिल थाना पुलिस ने डांडीदीह के कबाड़ी व्यापारी गुड्डू खान के गोदाम पर छापा मारा और 16 पीस रेलवे पटरी के साथ एक बाइक बरामद की।असली सनसनी तब आई जब पता चला कि आरोपी गुड्डू खान मौके से फरार हो गया था। हां, वो छिप नहीं पाया। बाद में पुलिस ने उसे पकड़कर मधुपुर ले जाकर कड़ी पूछताछ की।“हम यह देख रहे हैं कि चोरी में और कौन शामिल है,” रेलवे पुलिस ने साफ कहा। गुप्त सूचना के बाद यह छापेमारी की गई थी। गिरिडीह रेलवे पोस्ट के इंचार्ज पुनीचंद कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रेलवे की पटरियों और अन्य संरचनाओं से लोहे की चोरी की शिकायतें मिल रही थीं।

कैसे हुआ मामला?

बात कुछ यूं है। रेलवे की पटरियों की सुरक्षा पर सवाल उठते रहते हैं। लोहे की चोरी आसान काम है, और कबाड़ी वाले ऐसे सामान को आसानी से खरीद लेते हैं। लेकिन इस बार, पुलिस ने सीधे गुड्डू खान के गोदाम पर धावा बोल दिया।छापेमारी के दौरान, पुलिस ने देखा कि गोदाम में छुपाई गई 16 रेलवे पटरियां रखी थीं। साथ में एक बाइक भी मिली, जो शायद चोरी की सामग्री लाने-ले जाने में इस्तेमाल हुई थी।गुड्डू खान? हां, वो भाग निकला। लेकिन तकनीक और पुलिस की तेज़ी ने उसे पकड़ लिया। मधुपुर में पूछताछ जारी है।

रेलवे चोरी का पिछला इतिहास

गिरिडीह में यह पहली बार नहीं हुआ। पिछले कुछ महीनों में रेलवे की संपत्ति से लोहे और अन्य सामग्री की चोरी की कई शिकायतें सामने आई हैं।

  • जुलाई 2025: गिरिडीह में 10 पटरियां गायब।
  • जून 2025: रांची-साहिबगंज लाइन पर 5 पटरी चोरी।
  • मई 2025: डांडीदीह स्टेशन पर 2 चोरी के मामले।

रेलवे पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों से न केवल आर्थिक नुकसान होता है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी असर पड़ता है।“रेलवे की संपत्ति से छेड़छाड़ और चोरी गंभीर अपराध है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। पूरी गिरोह को जल्द ही पकड़ा जाएगा,” पुनीचंद कुमार ने कहा।

बरामदगी के आंकड़े

  • रेलवे पटरियों की संख्या: 16 पीस
  • बाइक: 1
  • आरोपी: गुड्डू खान
  • स्थान: डांडीदीह, गिरिडीह
  • तारीख: 24 अगस्त 2025

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अब यह देखना बाकी है कि गुड्डू खान अकेला था या उसके साथ और लोग भी जुड़े हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गंभीर मामला है।“हम रोज़ रेलवे से गुजरते हैं। अगर पटरियां चोरी हो सकती हैं तो यात्रियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?” – एक स्थानीय व्यक्ति।“पुलिस को फटाफट कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे लोग लोगों की जिंदगी से खेलते हैं,” – एक महिला ने कहा।सोशल मीडिया पर भी हंगामा है। #GiridihRailwayTheft और #RailwayChor जैसी हैशटैग तेजी से ट्रेंड कर रही हैं। लोग पुलिस की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ सवाल भी उठा रहे हैं कि सुरक्षा इंतजाम क्यों ढीले हैं।

क्यों यह मामला मायने रखता है?

रेलवे सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं है। यह लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़ा है।

  • चोरी से आर्थिक नुकसान होता है।
  • पटरियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है।
  • यात्रियों की जान पर असर पड़ सकता है।

अगर ऐसे मामले बढ़ते रहे, तो सिर्फ रेलवे नहीं बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी।

सोशल मीडिया की धूम

Twitter और X प्लेटफॉर्म पर लोग लगातार पोस्ट कर रहे हैं।

  • “गिरिडीह में रेलवे चोरी! गुड्डू खान पकड़ा गया। वाह पुलिस!”
  • “इतनी आसानी से पटरी चोरी? सोचने वाली बात है। #RailwaySecurity”

लोकल फेसबुक ग्रुप्स में भी चर्चा है। लोग वीडियो और फोटो शेयर कर रहे हैं, जहां गोदाम की झलक दिखाई गई है।

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FAQs

Q1: गुड्डू खान को कब गिरफ्तार किया गया?
A: रविवार, 24 अगस्त 2025 को छापेमारी के बाद।

Q2: कितनी पटरी बरामद हुई?
A: कुल 16 पीस।

Q3: चोरी में और कौन शामिल हो सकता है?
A: पुलिस अभी जांच कर रही है। कई लोग संदेह में हैं।

Q4: रेलवे सुरक्षा कैसे सुधार रहे हैं?
A: पूरे सर्कल में कड़ी निगरानी, गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी।

Q5: स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया?
A: लोग चिंतित, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से राहत महसूस कर रहे हैं।

अंत में

देखिए, गिरिडीह रेलवे चोरी का मामला बस इतना नहीं है। यह सुरक्षा, पैसे और लोगों की जिंदगी सब कुछ जोड़कर बना है। गुड्डू खान पकड़ा गया, लेकिन सवाल बाकी हैं। कौन और शामिल था? कब और कैसे ऐसा फिर होगा?

लोग सोच रहे हैं, कुछ परेशान हैं, कुछ हैरान। सोशल मीडिया पर मीम्स, जोक्स, और गुस्सा भी है।

एक बात तय है – रेलवे चोरी सिर्फ चोरी नहीं। यह हमारी सुरक्षा पर हमला है। और गिरिडीह की पुलिस अब सबको बता देगी कि गुड्डू खान अकेला नहीं था।

कितनी जल्दी? यही देखना बाकी है।

Author

Manish Kumar

I’m Manish, a software engineer and tech enthusiast. I love writing about local news, digital trends, and fresh updates that matter.

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