जमशेदपुर में दुर्गापूजा 2025 की धूम… सड़क, लाइट और पंडाल पर बवाल, जानिए इस बार क्या होगा नए अंदाज़ में

जमशेदपुर, 25 अगस्त – घड़ी टिक-टिक कर रही है। दुर्गा पूजा 2025 अभी महीनों दूर है, लेकिन यहाँ तैयारी पहले से ही शुरू हो गई। और चुपचाप नहीं। ईस्ट सिंहभूम सेंट्रल दुर्गा पूजा कमिटी का बड़ा, थोड़ा गरमागरम, एग्जीक्यूटिव मीटिंग हो गया। जगह – परिषद कार्यालय। चेयर पर – पूर्व भूमि राजस्व मंत्री, वही दुलाल भुइयां।उन्होंने शुरुआत ही ऐसी लाइन से की जो सबके दिल में उतर गई –
“हम सिर्फ त्योहार मनाने वाली संस्था नहीं, हम सेतु हैं।”
सरल बात, लेकिन हॉल में सन्नाटा। क्योंकि, हाँ, गलत भी नहीं।

सिर्फ मूर्ति और लाइट नहीं

तो एजेंडा क्या रहा? बहुत कुछ। सड़कें, बिजली, सुरक्षा। ये तो हमेशा रहते हैं। मगर इस बार टोन थोड़ा और इमरजेंसी वाला था।भुइयां ने याद दिलाया – पिछले साल उन्होंने 20 पॉइंट डिमांड लेटर प्रशासन को दिया था। और कई मांगे पूरी भी हुईं। इससे कमरे में थोड़ी ऊर्जा आई। “इस साल टारगेट और बड़ा है,” उन्होंने मेज पर हल्की चोट मारते हुए कहा।

बारिश = गड्ढे = मुसीबत

बरसात के बाद जमशेदपुर की सड़कें? दुःस्वप्न। पंडाल हॉपिंग तो छोड़ो, पैदल चलना भी जैसे बाधा दौड़।भुइयां ने कॉरपोरेट्स से खुलकर कहा – “स्लैग फिलिंग करो, गड्ढे भरो, दर्शन का रास्ता स्मूद बनाओ।”कमरे में झुंझलाहट साफ दिखी। क्योंकि सब जानते हैं, ये दर्द सच्चा है।

दूसरा बड़ा मुद्दा – बिजली। खासकर गाँव इलाकों में। सोचो, जगमग पंडाल अचानक अंधेरे में। पूरा मूड डाउन।भुइयां ने साफ कहा – “दुर्गा पूजा रोशनी और ऊर्जा का त्योहार है। अंधेरे की कोई जगह नहीं।” लोग ताली बजा उठे।

नया आइडिया: ग्रीन कॉरिडोर

फिर मंच पर आए सीनियर उपाध्यक्ष अशिष गुप्ता। उन्होंने अचानक नया प्रस्ताव रखा – इमरजेंसी के लिए ग्रीन कॉरिडोर।पहले तो सब चौंके। त्योहार और अस्पताल का क्या कनेक्शन? फिर धीरे-धीरे क्लिक हुआ।क्या हो अगर कोई पंडाल में बेहोश हो जाए? या आग लग जाए? एम्बुलेंस कहाँ से घुसेगी उस भीड़ में?गुप्ता का आइडिया – मेन रोड से अस्पताल तक स्पेशल रास्ता। रेड ज़ोन मार्क करना। विसर्जन घाट पर क्रेन, फ्लडलाइट। यहाँ तक कि NDRF डाइविंग टीम भी तैयार रखना। वो बोलते रहे, लोग चुप सुनते रहे। फिर धीरे-धीरे सबने सिर हिलाया – हाँ, ये सही है।

जादूगोड़ा UCIL डैम की चिंता

गुप्ता ने जादूगोड़ा UCIL डैम के विसर्जन घाट पर भी हमला बोला। बोले – “Unsafe. टूटा-फूटा। उपेक्षित।”
कहा – कमिटी सीधे DC को पत्र भेजेगी। मरम्मत कराओ वरना जिम्मेदारी लो।

बड़े पंडाल बनाम छोटे समितियाँ

हकीकत ये भी है – सब समितियाँ अमीर नहीं। कुछ गाँव तो प्रसाद तक के लिए तरसते हैं। गुप्ता ने ये मुद्दा भी उठाया।“कॉरपोरेट्स मदद करें। सिर्फ सड़क-सफाई नहीं, खाने-पीने में भी। त्योहार सबके लिए बराबर होना चाहिए।”

ट्रक और भीड़ साथ नहीं

इधर ज़िला परिषद सदस्य खगन चंद्र महतो ने जोर से मांग रखी – पूजा के चार दिन शहर में भारी ट्रक एंट्री बैन हो। बोले – “भीड़ और ट्रक? खतरनाक कॉम्बो।” तालियाँ गूंज उठीं।साथ ही समितियों को चेताया – नियम मानो। साउंड, विसर्जन टाइमिंग – सब फॉलो करो। “अनुशासन सज़ा नहीं, सुरक्षा है।”

कमिटी के अंदर हलचल

अब आया असली ड्रामा। समाजसेवी धर्मेंद्र सोनकर को सर्वसम्मति से एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट बना दिया गया। भुइयां ने खुद चिट्ठी सौंपी।इसी दौरान प्रमोद तिवारी को पद से हटा दिया गया। वजह – अनुशासनहीनता और कमिटी हितों के खिलाफ काम। थोड़ी भौंहें उठीं, पर विरोध नहीं। सबको पता – त्योहार में झगड़े की जगह नहीं।

भीड़ और नामों की लंबी लिस्ट

ये मीटिंग कुछ नेताओं का नहीं था। हॉल भरा पड़ा था। नाम गिनते रहो – ललन सिंह यादव, श्याम कुमार शर्मा, राकेश साहू, वीरेंद्र सिंह, कमल यादव, त्रिभुवन यादव, बलदेव सिंह मेहरा, अभय कुमार सिंह, सुरेंद्र शर्मा, शिखा चौधरी, पिंकी सिंह, राकेश दास, देवाशीष प्रधान, रामबाबू यादव, काशी घोष, अनिल कुमार यादव, राजेश कुमार यादव, राजकुमार सिंह, नरेश कुमार, हर्ष यादव, नंदू दुलाल चक्रवर्ती, तपस चक्रवर्ती और न जाने कितने।लंबी लिस्ट? हाँ। लेकिन यही तो पूजा है – सामूहिक।

क्यों अहम है ये सब

जमशेदपुर में दुर्गा पूजा सिर्फ भक्ति नहीं, अर्थव्यवस्था भी है। छोटे दुकानदार, कारीगर, इलेक्ट्रिशियन, ठेलेवाले – सबकी कमाई इन दिनों से जुड़ी। लाखों लोग आते हैं।तो जब सड़क टूटी हो, बिजली गुल हो, या घाट unsafe हो – ये सिर्फ दिक्कत नहीं, ये रोज़गार का नुकसान भी है।इसलिए ये मीटिंग महज़ चर्चा नहीं थी। असल में सर्वाइवल प्लानिंग थी।

सोशल मीडिया पर धमाल

इधर ऑनलाइन दुनिया भी गरम। फेसबुक ग्रुप्स में पंडाल थीम पर बहस। ट्विटर (X) पर हैशटैग – #JamshedpurPuja2025, #SafePuja।मीम्स भी – गड्ढों, बिजली कटौती, और “डार्क में नाचो” जैसे जोक्स घूम रहे हैं। गुस्सा + ह्यूमर – यही है जमशेदपुर स्टाइल।

फटाफट आंकड़े

  • 20 पॉइंट डिमांड लेटर (पिछले साल) → ज्यादातर पूरे।
  • 2 सबडिवीजन + 11 ब्लॉक से प्रतिनिधि मौजूद।
  • 100+ सदस्य हॉल में बैठे।
  • 1 बड़ा बदलाव – सोनकर इन, तिवारी आउट।
  • टॉप 3 प्रायोरिटी – सड़क, बिजली, विसर्जन सुरक्षा।

FAQs

प्र: दुर्गा पूजा 2025 कब है जमशेदपुर में?
अक्टूबर 2025 (सटीक तारीख हिंदू पंचांग से तय होगी)।

प्र: इस बार मुख्य फोकस एरिया क्या हैं?
सड़क मरम्मत, बिजली, सुरक्षित घाट, ट्रैफिक कंट्रोल, छोटे समितियों की मदद।

प्र: नया एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट कौन है?
समाजसेवी धर्मेंद्र सोनकर

प्र: इमरजेंसी में क्या तैयारी?
ग्रीन कॉरिडोर, क्रेन, फ्लडलाइट, NDRF डाइवर्स, रेड ज़ोन मार्किंग।

प्र: पूजा से शहर की अर्थव्यवस्था पर क्या असर?
लोकल व्यापार बढ़ता है, रोज़गार बनते हैं, लाखों लोग आते हैं।

Author

Manish Kumar

I’m Manish, a software engineer and tech enthusiast. I love writing about local news, digital trends, and fresh updates that matter.

Scroll to Top